Art by Ambs

June 24, 2010

सपने

माना कि सपने, हमेशा होते नहीं अपने,
माना हर आरज़ू को तोलता नहीं जीवन का तराजू,
फिर भी सपने को, होने न देना थकने,
क्योंकि सपने ही है, जो देता है खुशियों को दमकने!

Written on June 23, 2010

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