रंगीली दुनिया में मज़े लिए,
बढ चले, वक़्त के नए डोर में|
हर इक मोड़ पर ज़िन्दगी की मगर,
यादें चीर आती है, दिल ही दिल में|
तमन्ना है मुस्कुराते बढ चलने का,
बिना डगमगाए, खुशियाँ बिखेरने का|
इस जहान की रंगीन अंधकार में,
गुम हुए बिना, अपना अस्तित्व बरकरार रखने का|
दिल में डुबकियां ले रही सवालों में,
डूबे बिना चलते रहना है|
यादों के साए से बस -
थोड़ी छाँव चुरा ले जाना है|
आवाज़ देना है बार-बार,
दिल को समझाते रहना है कि -
विश्वास खोना नहीं कभी,
अपने आपको हरदम संभालना है|
अपने दिल की सच्चाई को तुमने पहचाना है|
आत्मा की आवाज़ से,
उस सच्चाई को अपना शक्ति बनाना है|
याद रखना कि जीवन नहीं हमेशा खुशियों का मेला|
मिलाकर थोड़े गम की परछाई, बनती वो इक पूर्ण बेला|
2 comments:
good work indeed but a lot of gender mistakes... :)
Yeah....You are right....Losing touch with Hindi slowly..So, even while writing i start to wonder if its forming right! :->>
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